कंचुकी (पुल्लिंग)
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कंचुकी - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कञ्चुकिन्)[1]
1. रनिवास के दास-दासियों का अध्यक्ष। अंत:पुररक्षक।
विशेष - कंचुकी प्राय: बड़े-बूढ़े और अनुभवी ब्राह्मण हुआ करते थे जिन पर राजा का पूरा विश्वास रहता था।
2. द्वारपाल। नकीब।
3. साँप।
4. छिलके वाला अन्न, जैसे- धान, जौ, चना इत्यादि।
5. व्यभिचारी। लंपट[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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