कंदील

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कंदील - संज्ञा स्त्रीलिंग (अंग्रेज़ी कंदील)[1]

अबरक, कागद या मिट्टी का वह घेरा जिसमें रखकर दीपक जलाते हैं और ऊँचाई पर टाँग देते हैं।

कंदील संज्ञा पुल्लिग (हिन्दी कंडाल)

जहाज में वह स्थान जहाँ पानी रहता है और लोग पायखाना फिरते और नहाते हैं। सेतखाना।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 725 |

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