कचोटना
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कचोटना - क्रिया अकर्मक (अनुकरण शब्द)[1]
मन के भीतर होने वाली वेदना का उभड़ना। किसी की याद में दु:ख का होना।
उदाहरण- हृदय कचोटने लगता है। - कंकाल[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 739 |
- ↑ कंकाल, पृष्ठ 13, जयशंकर प्रसाद, लीडर प्रेस, इलाहाबाद, सातवाँ संस्करण
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