कचीची
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कचीची - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा स्त्रीलिंग (हिन्दी कचपची)[1]
1. कृत्तिका।
2. कचपचिया।
उदाहरण- कानन कुंडल खूँट और खूँटी। जानहूँ परी कचीची टूटी। - मलिक मुहम्मद जायसी
कचीची - संज्ञा स्त्रीलिंग (कच्चा का अल्पार्थक)
कनपटी के पास दोनों जबड़ों का जोड़ जिससे मुँह खुलता और बंद होता है। जबड़ा। दाढ़।
मुहावरा- कचीची बटना = दाँत पीसना। किचकिचाना। कचीची लेना = मरने का समय का दाँत पीसना कचीची बँधना = दाँत बैठना।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 738 |
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