कचाई
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कचाई - संज्ञा स्त्रीलिंग (हिन्दी कच्चा+ई प्रत्यय)[1]
1. कच्चापन।
उदाहरण- सनै सनै थल पंक पिटाई। वीरुध तुननि की गई कचाई। - नंददास ग्रंथावली[2]
2. नातजुर्बेकारी। अनुभव की कमी।
उदाहरण- ललन सलोने अरु रहे अति सनेह सों पागि। तनक कचाई देति दुख सूरन लो मुख लागि। - कवि बिहारी
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 738 |
- ↑ नंददास ग्रंथावली, पृष्ठ 291, सम्पादक ब्रजरत्नदास, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, प्रथम संस्करण
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