कच्ची गोली

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कच्ची गोली - संज्ञा स्त्रीलिंग (हिन्दी कच्ची+गोली)[1]

मिट्टी की गोली जो पकाई न गई हो। ऐसी गोली खेलने में जल्दी टूट जाती है।

मुहावरा- 'कच्ची गोली खेलना' = नातर्जुबे रहना। नातजुरबेकार होना। अनाड़ीपन करना।

उदाहरण-

यहाँ किसी ने कच्ची गोलियाँ नहीं खेली हैं। क्या मुफ्त की अशर्फियाँ हैं। - फिसाना ए आज़ाद[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 741 |
  2. फिसाना ए आज़ाद, भाग तीन, पृष्ठ 553,पण्डित रतननाथ 'सरशार', नवलकिशोर प्रेस, लखनऊ, चतुर्थ संस्करण

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