कजलित

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कजलित - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) विशेषण (संस्कृत कज्जलित या हिन्दी कजलाना)[1]

कज्जलित

उदाहरण-

युवति वृन्द कजलित नैनन सिंदूर दिये सिर। - प्रेमघन सर्वस्व[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 744 |
  2. प्रेमघन सर्वस्व, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, प्रथम संस्करण, 1996

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