कंकट
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कंकट संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कङ्कट)[1]
1. कवच। संनाह। वर्म।
- उदाहरण
इह सु धम्म राजेंद्र। दुष्ट कंकट सिर कहै। - पृथ्वीराज रासो[2]
3. सीमा। हद[4]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्द सागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी.ए. (मूल सम्पादक) |प्रकाशक: शंभुनाथ वाजपेयी द्वारा, नागरी मुद्रण वाराणसी |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 716 |
- ↑ खंड 5, सं. मोहनलाल विष्णुलाल पंड्या, श्यामसुंदर दास, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, प्रथम संस्करण, 1।415
- ↑ अन्य कोश
- ↑ अन्य कोश
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