कंची

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कंची - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) विशेषण (हिन्दी कच्ची)[1]

उदाहरण-

रज औ बिंद की कंची काया। - संत दरिया[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 719 |
  2. संत कवि दरिया, संत धर्मेन्द्र ब्रह्मचारी, बिहार राष्ट्रभाषा परिषद, पटना, प्रथम संस्करण, पृष्ठ 167

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