कंठ

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:17, 19 अक्टूबर 2021 का अवतरण (''''कंठ''' - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कण्ठ) (विशेषण...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

कंठ - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कण्ठ) (विशेषण कंठ्य)[1]

1. गला। टेंटुआ।

उदाहरण-

मेली कंठ सुमन की माला। - मानस[2]


यौगिक - कंठमाला।

मुहावरा-

कंठ सूखना = प्यास से गला सूखना।

2. गले की वे नलियाँ जिनसे भोजन नीचे उतरता है और आवाज निकलती है। घाँटी।


यौगिक - कंठस्थ। कंठाग्र।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 721 |
  2. रामचरितमानस, 4।8, सम्पादक शंभूनारायण चौबे, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, प्रथम संस्करण

संबंधित लेख