कंडहार
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कंडहार - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कणधार)[1]
कणधार
उदाहरण-
करे जीव भव पार कंडहार सो। - कबीर ग्रंथावली[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 723 |
- ↑ कबीर ग्रंथावली, सम्पादक श्यामसुंदर दास, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी
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