कंबल

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कंबल - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कम्बल) (स्त्रीलिंग अल्पार्थक कमली[1]

1. ऊन का बना हुआ मोटा कपड़ा, जिसे गरीब लोग ओड़ते हैं। यह भेड़ों के ऊन का बनता है और इसे गड़ेरिए बुनते हैं।

उदाहरण- पहिरण ओढ़ण कंबला साठे पुरिसे नीर। - ढोला मारू र दूहा[2]

2. एक कीड़ा जो बरसात में दिखाई देता है और जिसके ऊपर काले रोएँ होते हैं। कमला।

3. जलप्रवाह। - अनेकार्थमंजरी और नामवाला[3]

4. सास्ना। ललरी[4]

5. एक प्रकार का हिरन[5]

6. भीत। दीवार[6]

7. जल। पानी[7]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 728 |
  2. ढोला मारू र दूहा, 662, सम्पादक रामसिंह, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, द्वितीय संस्करण
  3. अनेकार्थमंजरी और नामवाला, पृष्ठ 619, सम्पादक बलभद्र प्रसाद मिश्र, यूनिवर्सिटी ऑफ़ इलाहाबाद स्टडीज, प्रथम संस्करण
  4. अन्य कोश
  5. अन्य कोश
  6. अन्य कोश
  7. अन्य कोश

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