कंसपात्र
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कंसपात्र - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत)[1]
1. काँसे का बर्तन।
उदाहरण-
कंसपात्र कौ होइ पुनि, सदन मध्य आभास। - सुंदरदास ग्रंथावली[2]
2. एक नाप जिसे आढ़क भी कहते थे। यह चार सेर की होती थी।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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