कँउघा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:48, 24 अक्टूबर 2021 का अवतरण (''''कँउघा''' - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा प...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

कँउघा - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा पुल्लिंग (हिन्दी कौंधना)[1]

बिजली की चमक।

उदाहरण-

मनि कुंडल चमकहिं अति लोने। जनु कंउधा लउकहिं दुहै कोने। - मलिक मुहम्मद जायसी


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 729 |

संबंधित लेख