कँरबुए
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कँरबुए - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कलम्बक) (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी, प्रान्तीय प्रयोग करँबुआ, करँमुआ)[1]
उदाहरण-
निकले कमल सरों में और कँरबुए लहरे। - अपरा[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 732 |
- ↑ अपरा, पृष्ठ 194, पंडित सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', भारती भंडार, लीडर प्रेस, प्रयाग
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