कँवारी

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कँवारी - विशेषण (संस्कृत कुमारी)[1]

कुँआरी। क्वारी।

उदाहरण-

वह भी तो दुल्हन बनेगी कभी और खुल जायेंगी मेढ़ियाँ, उसकी कच्ची कँवारी सभी मेढ़ियाँ। - बंदनवार[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 732 |
  2. बंदनवार, पृष्ठ 51, देवेन्द्र सत्यार्थी, प्रगति प्रकाशन, दिल्ली, 1949

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