कँहारा

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कँहारा - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कर्मधार, व्युत्पन्न प्राकृत 'कम्महार', व्युत्पन्न 'कँहार' हिन्दी कहार)[1]

कहार

उदाहरण-

चपल पालकी के कँहार सरबान महाउत। - प्रेमघन सर्वस्व[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 732 |
  2. प्रेमघन सर्वस्व, पृष्ठ 12, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, प्रथम संस्करण, 1996 वि.

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