कउतुक

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कउतुक - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कौतुक)[1]

कौतुक

उदाहरण-

भन विद्यापति कामे रमनि रति, कउतुक बुझ रसमंत। - विद्यापति[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 733 |
  2. विद्यापति, पृष्ठ 34, सम्पादक खगेन्द्रनाथ मित्र, यूनाइटेड प्रेस लिमिटेड, पटना

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