कउल
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कउल - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत कमल, कँवल[1], कवल[2])[3]
कौल। कमल।
उदाहरण-
धरहर बरषे सर भरे, सहज ऊपजे कउलु। - प्राणसंगली[4]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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