कचाई

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:31, 2 नवम्बर 2021 का अवतरण (''''कचाई''' - संज्ञा स्त्रीलिंग (हिन्दी कच्चा+ई प्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

कचाई - संज्ञा स्त्रीलिंग (हिन्दी कच्चा+ई प्रत्यय)[1]

1. कच्चापन।

उदाहरण- सनै सनै थल पंक पिटाई। वीरुध तुननि की गई कचाई। - नंददास ग्रंथावली[2]

2. नातजुर्बेकारी। अनुभव की कमी।

उदाहरण- ललन सलोने अरु रहे अति सनेह सों पागि। तनक कचाई देति दुख सूरन लो मुख लागि। - कवि बिहारी


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 738 |
  2. नंददास ग्रंथावली, पृष्ठ 291, सम्पादक ब्रजरत्नदास, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, प्रथम संस्करण

संबंधित लेख