कचोरा

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कचोरा - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी, प्रान्तीय प्रयोग) संज्ञा पुल्लिंग (हिन्दी काँसा+ओरा प्रत्यय) (स्त्रीलिंग कचोरी)[1]

कटोरी। प्याला।

उदाहरण-

(क) पान लिए दासी चहुँ ओरा। अमिरित दानी भरे कचोरा। - मलिक मुहम्मद जायसी

(ख) मुकुलित केश सुदेश देखियत नील बसन लपटाए। भरि अपने कर कनक कचोरा पीवत प्रियहि चखाए। - सूरदास


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 739 |

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