कचोरा
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:50, 3 नवम्बर 2021 का अवतरण (''''कचोरा''' - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी, प्रान्तीय प्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
कचोरा - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी, प्रान्तीय प्रयोग) संज्ञा पुल्लिंग (हिन्दी काँसा+ओरा प्रत्यय) (स्त्रीलिंग कचोरी)[1]
कटोरी। प्याला।
उदाहरण-
(क) पान लिए दासी चहुँ ओरा। अमिरित दानी भरे कचोरा। - मलिक मुहम्मद जायसी
(ख) मुकुलित केश सुदेश देखियत नील बसन लपटाए। भरि अपने कर कनक कचोरा पीवत प्रियहि चखाए। - सूरदास
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 739 |
संबंधित लेख
|