कजलाना

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कजलाना - क्रिया अकर्मक (हिन्दी काजल)[1]

1. काला पड़ना। साँवला होना।

2. आग का झँवाना। आग का बुझना।

कजलाना - क्रिया सकर्मक

  • काजल लगाना।
  • आँजना।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 744 |

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